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इक अलफ़ पढ़ो छुटकारा ए || आचार्य प्रशांत, संत बुल्लेशाह पर (2017)

2019-11-29 8 Dailymotion

वीडियो जानकारी:<br /><br />शब्दयोग सत्संग<br />८ जनवरी, २०१७<br />अद्वैत बोधस्थल,नॉएडा<br /><br />इक अलफ पढ़ो छुटकारा ए<br />इक अलफों दो तिन्न चार होए,<br />फेर लक्ख करोड़ हजार होए,<br />फेर ओत्थों बाझ शुमार होए,<br />इक अलफ दा नुक्ता न्यारा ए।<br /><br />इक अलफ पढ़ो छुटकारा ए।<br />क्यों पढ़ना ऐं गड्ड किताबाँ दी,<br />क्यों चाना ऐं पंड अजाबाँ दी,<br />हुण होयों शकल जलादाँ दी,<br />अग्गे पैंडा मुशकल भारा ए।<br />इक अलफ पढ़ो छुटकारा ए।<br /><br />बण हाफज़ हिफज़ कुरान करें,<br />पढ़ पढ़ के साफ ज़बान करें,<br />फिर नेआमताँ विच्च ध्यान करें,<br />मन फिरदा ज्यों हलकारा ए।<br />इक अलफ पढ़ो छुटकारा ए।<br /><br />बुल्ला बी बोहड़ दा बोएआ सी,<br />ओह बिरछ वड्डा जाँ होएआ सी,<br />जद बिरछ ओह फानी होएआ सी,<br />फिर रैह गया बी अकारा ए।<br />इक अलफ पढ़ो छुटकारा ए।<br />~ संत बुल्ले शाह<br /><br />प्रसंग:<br />अलफ़ का क्या अर्थ है?<br />"इक अलफ़ पढ़ो छुटकारा ए" का क्या आशय है?<br />संत बुल्लेशाह किससे छुटकारा की बात कर रहें है?<br /><br />संगीत: मिलिंद दाते

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